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Tuesday, October 10, 2023

खेल की दुनिया में बड़ा कदम



हैंगजाऊ एशियाई खेलों में भारत की सफलता को दो तरह से देखना चाहिए। कई प्रकार के रिकॉर्ड तोड़ते हुए भारतीय खिलाड़ियों ने खेल की दुनिया में पहला बड़ा कदम रखा है। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है पदक तालिका में सौ की मानसिक सीमा-रेखा को पार करना। यह उपलब्धि देश के आकार को देखते हुए पर्याप्त नहीं है, पर पिछले प्रदर्शनों से इसकी तुलना करें, तो बहुत बड़ी है। यह भारत के विकसित होते बदलते सामाजिक-आर्थिक स्तर को भी रेखांकित कर रही है। उम्मीद है कि अगले साल पेरिस में होने वाले ओलिंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ी सफलता के एक और चरण को पार करेंगे।

कुछ खेल ऐसे भी हैं, जिनमें इस एशियाड में मनोनुकूल सफलता नहीं मिली। इनमें कुश्ती और भारोत्तोलन शामिल हैं। कॉमनवैल्थ खेलों में हमने इन्हीं खेलों में बड़ी सफलता हासिल की थी। इसकी एक वजह यह भी है कि एशिया खेलों में कंपटीशन ज्यादा मुश्किल है। दूसरी तरफ हमारे खिलाड़ी घुड़सवारी, ब्रिज, गोल्फ, शतरंज, वुशु और सेपक टकरा जैसे खेलों में भी मेडल जीतकर लाए हैं। फिर भी कम से कम दो खेल ऐसे हैं, जिनमें हमें विश्व स्तर को छूना है। एक है जलाशय से जुड़े खेल यानी एक्वैटिक्स और दूसरे जिम्नास्टिक्स। इन दोनों खेलों में मेडलों की भरमार होती है।

Wednesday, January 11, 2023

क्रिकेट-विश्वकप-23 और भारत की कहानी

विश्वकप क्रिकेट-1987

 देस-परदेश

भारत में क्रिकेट राष्ट्रीय-भावनाओं के साथ जुड़ गया है. एक समय तक हम हॉकी को राष्ट्रीय खेल मानते थे. वह सम्मान अब भी अपनी जगह होगा, पर क्रिकेट ने कहानी बदली दी है. भारत में इस साल हॉकी और क्रिकेट दोनों की विश्वकप प्रतियोगिताएं होने वाली हैं. आप दोनों की कवरेज के फर्क से इस बात का अनुमान लगा लीजिएगा.  

हॉकी विश्वकप आज से तीन दिन बाद 13 जनवरी से शुरू हो रहा है. मीडिया ने कितनी जानकारी आपको दी? ऐसा तब है, जब हाल के वर्षों में भारतीय हॉकी टीम ने अपनी बिगड़ी कहानी को काफी हद तक सुधारा है. ओलिंपिक-कांस्य तक पहुँच गए हैं. उम्मीद जगाई है, ओडिशा जैसे राज्य ने, जहाँ हॉकी का इंफ्रास्ट्रक्चर बना है.

हो सकता है कि आने वाले समय में कॉरपोरेट जगत हॉकी की मदद में भी आगे आएं. फिलहाल हमारी दिलचस्पी हॉकी और क्रिकेट की तुलना करने में नहीं, बल्कि राष्ट्रीय-जीवन में खेल की भूमिका में है. बैडमिंटन, कुश्ती, बॉक्सिंग और आर्चरी जैसे खेलों का भी यह उदयकाल है.

विश्वकप फुटबॉल

हाल में क़तर में हुई विश्वकप फुटबॉल प्रतियोगिता के दौरान मोरक्को की टीम के सेमीफाइनल तक पहुँचने पर मुस्लिम देशों, खासतौर से अरब देशों में उत्साह की लहर देखी गई. क्रिस्टियानो रोनाल्डो की टीम पुर्तगाल को हराने के बाद मोरक्को वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल तक पहुँचने वाला पहला अफ़्रीकी अरब देश बना था. प्रतियोगिता के आयोजक देश कतर को भले ही सफलता नहीं मिली, पर उसका आयोजन शानदार था. अलबत्ता सेनेगल, ट्यूनीशिया, ईरान और सऊदी अरब ने भी किसी न किसी रूप में अच्छा प्रदर्शन किया. 

अब तक इन अफ्रीकी-अरब देशों के खिलाड़ी यूरोपियन टीमों में शामिल होकर उनका गौरव बढ़ाते रहे हैं, पर लगता है कि अब एक नया चलन शुरू होने जा रहा है. विश्वकप जीतने का सपना टूटने के कुछ सप्ताह बाद पुर्तगाल के कप्तान क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने यूरोपीय फ़ुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड छोड़कर, सऊदी अरब के 'अल-नस्र' से नाता जोड़ लिया है.

सऊदी अरब का सपना

अल नस्र और रोनाल्डो के बीच हुआ क़रार अब तक का सबसे महंगा सौदा बताया जा रहा है. अल-नस्र 2025 तक हर साल रोनाल्डो को क़रीब 1800 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा. रोनाल्डो का सऊदी अरब पहुँचना बड़े बदलाव का संकेत है.

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान क़तर विश्व कप के दौरान फीफा के प्रमुख जीवी इनफ़ैंन्तिनो के साथ कई बार नज़र आए थे. वे अपने देश को आधुनिक बना रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने विज़न-2030 के नाम से पूरा एक कार्यक्रम बनाया है. इस कार्यक्रम में खेलों को भी शामिल किया गया है. क्राउन प्रिंस मानते हैं कि पश्चिम एशिया अब नया यूरोप बनेगा. अब आप आएं भारत की ओर.

क्रिकेट विश्वकप

ब्रिटिश पत्रिका इकोनॉमिस्ट हर साल नवंबर के दूसरे सप्ताह में एक विशेष अंक का प्रकाशन करती है, जिसका नाम होता है द वर्ल्ड अहैड. इसमें आने वाले वर्ष की संभावित-प्रवृत्तियों और घटनाओं का अनुमान किया जाता है. इस साल के द वर्ल्ड अहैड-2023 में भारत को लेकर तीन आलेख हैं. एक नरेंद्र मोदी की 2024 में विजय-संभावनाओं पर, दूसरा अर्थव्यवस्था पर. तीसरे का शीर्षक है, द क्रिकेट वर्ल्ड कप इन इंडिया इन 2023 विल बी मोर दैन जस्ट अ गेम.

Sunday, August 8, 2021

ओलिम्पिक में स्वर्णिम सफलता


उपलब्धियों के लिहाज से देखें, तो तोक्यो भारत के लिए इतिहास का सबसे सफल ओलिम्पिक रहा है। नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल के साथ एथलेटिक्स में पदकों का सूखा खत्म किया है, साथ ही पदकों की संख्या के लिहाज से भारत ने सबसे ज्यादा सात पदक हासिल किए हैं। यह असाधारण उपलब्धि हैं, हालांकि भारत को इसबार इससे बेहतर की आशा थी। हमारा स्तर बेहतर हो रहा है। इसबार की सफलता हमारे आत्मविश्वास में जबर्दस्त बढ़ोत्तरी करेगी। जिस तरह से पूरे देश ने नीरज के स्वर्ण और हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने पर खुशी जाहिर की है, उससे लगता है कि खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। बेशक सरकार और कॉरपोरेट मदद के बगैर काम नहीं होगा, पर सबसे जरूरी है जन-समर्थन।

खेलों को आर्थिक-सामाजिक विकास का संकेतक मानें तो अभी तक हमारी बहुत सुन्दर तस्वीर नहीं है। दूसरी ओर चीनी तस्वीर दिन-पर-दिन बेहतर होती जा रही है। सन 1949 की कम्युनिस्ट क्रांति के 35 साल बाद सन 1984 के लॉस एंजेलस ओलिम्पिक खेलों में चीन को पहली बार भाग लेने का मौका मिला और उसने 15 गोल्ड, 8 सिल्वर और 9 ब्रॉंज़ मेडल जीतकर चौथा स्थान हासिल किया था। उस ओलिम्पिक में सोवियत गुट के देश शामिल नहीं थे। पर चीन ने अपनी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज कराकर अपनी भावी वैश्विक महत्ता को दर्ज कराया था।

चीनी वर्चस्व

सन 2008 के बीजिंग ओलिम्पिक में चीन को सबसे ज्यादा 100 मेडल मिले थे। उस बार मेडल तालिका में उसका स्थान पहला था। लंदन ओलिम्पिक में उसका स्थान दूसरा हो गया और रियो में तीसरा।  तोक्यो ओलिम्पिक में स्वर्ण पदकों की संख्या और कुल संख्या के आधार पर भी अमेरिका नम्बर एक और चीन नम्बर दो पर है। इसबार केवल महिला खिलाड़ियों की पदक सूची भी उपलब्ध है। उसमें भी अमेरिका सबसे ऊपर है। 

हाल में किसी ने भारत की पूर्व एथलीट पीटी उषा से पूछा कि भारत ओलिम्पिक में चीन की तरह पदक क्यों नहीं लाता? जवाब मिला, मैंने सच बोल दिया तो वह कड़वा होगा। कड़वा सच क्या है? चीन इतने कम समय में ओलिम्पिक सुपर पावर कैसे बन गया? उन्होंने अंग्रेज़ी के एक शब्द में इसका जवाब दिया, ‘डिज़ायरयानी मनोकामना। इसे महत्वाकांक्षा भी मान सकते हैं। चीनी समाज के सभी तबक़ों में मेडल जीतने करने की ज़बरदस्त चाह है।

Wednesday, October 11, 2017

खेल के मैदान में लिखी है बदलते भारत की इबारत

फीफा की अंडर-17 विश्वकप फुटबॉल प्रतियोगिता के बहाने हमें बदलते भारत की कहानी देखने की कोशिश करनी चाहिए. यह जूझते भारत और उसके भीतर हो रहे सामाजिक बदलाव की कहानी है. भारत ने अपना पहला मैच 8 अक्तूबर को खेला, जिसमें अमेरिका की टीम ने हमें 3-0 से हराया. इस हार से हमें निराशा नहीं हुई, क्योंकि फुटबॉल के वैश्विक मैदान में हमारी स्थिति अमेरिका से बहुत नीचे है. हमारे लिए महत्वपूर्ण बात यह थी कि भारत की कोई टीम विश्वकप फुटबॉल की किसी भी प्रतियोगिता में पहली बार शामिल हुई और उसने बहादुरी के साथ खेला. पहले मैच ने भारतीय टीम का हौसला बढ़ाया.

Monday, July 25, 2016

सामाजिक बदलाव का वाहक है खेल का मैदान

अगले महीने ब्राजील के रियो डि जेनेरो में हो रहे ग्रीष्मकालीन ओलिम्पिक खेलों में भारत के 116 खिलाड़ियों की टीम हिस्सा लेने जा रही है. ओलिम्पिक के इतिहास में यह हमारी अब तक की सबसे बड़ी टीम है. इसके पहले सन 2012 के लंदन ओलिम्पिक में 84 खिलाड़ियों की टीम सबसे बड़ी टीम थी. ओलिम्पिक में शामिल होना बड़ी उपलब्धि मानी जाती है क्योंकि लगभग सभी स्पर्धाओं का क्‍वालिफिकेशन स्तर बहुत ऊँचा होता है. उसे छूना ही बड़ी उपलब्धि है.

Sunday, March 29, 2015

हार पर यह कैसा हाहाकार?

विश्व कप के फाइनल मैच में हमारी टीम नहीं है इसलिए आज वह जोशो-खरोश नहीं है जो हमारी टीम के होने पर होता। हमारी टीम भी फाइनल में होती तो खुशी की बात होती, पर वह फाइनल में नहीं है इसलिए कुछ बातों पर ठंडे दिमाग से सोचने का मौका हमारे पास है। गुरुवार को हुए सेमी फाइनल मैच ने कुछ बातों की और इशारा किया भी है। मैच के दो दिन पहले से लगभग पूरे देश ने मान लिया था कि विश्व कप तो अब हमारे हाथों में है। इस समझ को बनाने में सबसे बड़ी भूमिका इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने निभाई। तमाम चैनलों ने अपनी दुकानें सज़ा दी थीं और वे अभूतपूर्व तरीके से कवरेज कर रहे थे। शायद हमारी हार की एक वजह यह भी थी। पूरी टीम पर जीत के लिए जो दबाव था उसके कारण वह बड़ी गलतियाँ करती गई। जैसे ही टीम हारी इस मीडिया के तेवर बदल गए। इसने फौरन टीम और उसके कुछ खिलाड़ियों को विलेन बना दिया।

Monday, October 6, 2014

खेलों में हम फिसड्डी ही साबित क्यों होते हैं?

इंचियॉन के एशिया खेलों में जब भारत की टीम जा रही थी तब उम्मीद ज़ाहिर की गई थी कि सन 2010 के ग्वांगझो एशियाड के मुकाबले इस बार हमारे खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। ग्वांगझो में हमें कुल 65 मेडल मिले थे। एशिया खेलों में वह हमारा अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। इसके पहले सन 1982 के दिल्ली एशियाड में हमें 57 मेडल मिले थे। पहले एशिया खेल सन 1951 में दिल्ली में हुए थे। तब पदक तालिका में हम 51 मेडलों के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि 60 मेडलों के साथ जापान पहले स्थान पर रहा। 1982 में कुल 57 मेडलों के साथ हम पाँचवें पर, 2010 में छठे पर और इस बार 57 मेडलों के साथ हम आठवें स्थान पर रहे। 342 मेडलों के साथ चीन का पहला नम्बर रहा।

Friday, June 14, 2013

खेल जब पेशा है तो ‘फिक्सिंग’ भी होगी

खेल को पेशा बनाने का नतीजा

सतीश आचार्य का कार्टून


स्पॉट फिक्सिंग मामले में जेल से छूटने के बाद एस श्रीशांत ने कहा कि मैं इस प्रकरण को कभी नहीं भूलूँगा। इसने मुझे कई चीजें सिखाई हैं। श्रीशांत, अंकित चह्वाण और अजित चंडीला को एक आप खारिज कर दीजिए, भर्त्सना कीजिए। पर सब जानते हैं कि इस पापकर्म के वे सूत्रधार नहीं हैं। अपने पैरों पर कुल्हाड़ी इन्होंने मारी है। इनके पास इज़्जत, शोहरत और पैसे की कमी नहीं थी। खेल जीवन में यह सब इन्हें मिलता। फिर भी इन्होंने अपना करियर चौपट करना मंज़ूर किया। किस लालच ने इन्हें इस गलीज़ रास्ते पर डाला? उसी क्रिकेट ने जिसे यह खेल समझ कर आए थे। हमारे जीवन में पहले से मौज़ूद फिक्सिंग शब्द को आईपीएल ने नया आयाम दिया है। यह अति उत्साही कारोबारियों का कमाल है, जिन्होंने सब देखा उस गड़्ढे को नहीं देखा जिसपर उनके कदम पड़ चुके हैं।

Tuesday, December 4, 2012

राजनीति में खेल हैं या खेल में राजनीति?

खेलों की दुर्दशा दिखानी होती है तो हम इशारा राजनीति की ओर करते हैं। कहते हैं कि भाई बड़ी राजनीति है। और राजनीति की दुर्दशा होती है तो उसे खेल कहते हैं। कुछ लोग इसे राजनीति खेलना कहते हैं। संयोग है कि पिछले ढाई साल से हम अपनी राजनीति में जो हंगामा देख रहे हैं, उसकी शुरूआत कॉमनवैल्थ गेम्स की तैयारियों से हुई थी। राष्ट्रीय क्षितिज पर उन दिनों एक नया हीरो उभरा था, सुरेश कलमाडी। भारतीय ओलिम्पिक संघ के अध्यक्ष कलमाडी के साथ कॉमनवैल्थ गेम्स ऑर्गनाइज़िंग कमेटी के सेक्रेटरी जनरल ललित भनोत और डायरेक्टर जनरल वीके वर्मा की उस मामले में गिरफ्तारी भी हुई थी। बहरहाल दो साल के भीतर सारी चीजें बदल गई हैं। सुरेश कलमाडी की भारतीय ओलिम्पिक एसोसिएशन में वापसी तो नहीं हो पाई, पर दो दिन बाद यानी 5 दिसम्बर को होने वाले भारतीय ओलिम्पिक महासंघ (आईओए) के चुनाव में ललित भनोत निर्विरोध सेक्रेटरी जनरल चुन लिए जाएंगे। अध्यक्ष पद के लिए हरियाणा के राजनेता अभय चौटाला का नाम तय हो चुका है। पिछले एक हफ्ते की गहमागहमी में चौटाला-भनोत सहयोग उभर कर आया। आईओए के पूर्व सेक्रेटरी जनरल रणधीर सिंह और उनके साथियों के मैदान से हट जाने के बाद चुनाव अब सिर्फ औपचारिकता रह गए हैं। यह तब सम्भव हुआ है जब अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पक कमेटी (आईओसी) की एथिक्स कमीशन ने कलमाडी, भनोत और वर्मा को उनके पदों से निलंबित करने का सुझाव दिया था। इसलिए माना जाता था कि भनोत चुनाव में नहीं उतरेंगे, पर जैसाकि स्वाभाविक है अभय चौटाला ने ही राजनीति से उदाहरण दिया है कि आरोप तो मुलायम सिंह यादव, लालू यादव और जे जयललिता पर भी हैं। ललित भनोत कहीं से दोषी तो साबित नहीं हुए हैं।

Friday, October 15, 2010

हमारी खेल-संस्कृति

कॉमनवैल्थ खेल खत्म होने के बाद अब पूरे आयोजन की समीक्षा का दौर है। आयोजन की गड़बड़ियों और घोटालों को लेकर अभी हंगामा शुरू होगा। उसपर चर्चा करने के बजाय मैं दूसरे मामलों पर बात करना चाहूँगा।

1.क्या हम खेल के अच्छे आयोजक हैं? कॉमनवैल्थ खेल के उद्घाटन और समापन समारोहों पर न जाएं। प्रतियोगिताओं की व्यवस्थाओं और खेल के स्तर पर ध्यान दें। किसी भी वज़ह से भारत की छवि पहले से खराब थी। ऊपर से हमारे सारे निर्माण कार्य देर से पूरे हुए।

कुछ लोग चीन से हमारी तुलना करते हैं। चीन की व्यवस्था में सरकारी निर्णयों को चुनौती नहीं दी जा सकती। हमारे यहाँ अनेक काम अदालती निर्देशों के कारण भी रुके। इसमें पेड़ों की कटाई से लेकर ज़मीन के अधिग्रहण तक सब शामिल हैं। तब हम लंदन से अपनी तुलना करें। वहाँ भी हमारे जैसा लोकतंत्र है।

हमारे पास दिल्ली मेट्रो का अनुभव था। उसके निर्माण में शुरुआती अड़ंगों के बाद सुप्रीम कोर्ट की कुछ ऐसी व्यवस्थाएं आईं कि विलम्ब नहीं हुआ। मेट्रो के कुशल प्रबंधकों ने उसके कार्यान्वयन में कभी देरी नहीं होने दी। उन्होंने अपनी कुशलता और समयबद्धता को रेखांकित करने का बार-बार प्रयास किया। कॉमनवैल्थ खेलों के साथ इस किस्म की कुशलता या पटुता को रेखांकित करने की कोशिश नहीं की गई।

मेरा अनुभव है कि हम जब पूरे समुदाय को चुनौती देते हैं तो सब खड़े होकर काम को करने के लिए आगे आते हैं। कॉमनवैल्थ खेलों को संचालित करने वालों ने प्रेरणा देने या लेने की कोई कोशिश नहीं की। यह हमारी पूरी व्यवस्था से जुड़ी बात है। निर्माण कार्यों में हेराफेरी हुई या नहीं इसपर मैं कुछ नहीं कहना चाहूँगा। उसके बारे में  जानकारियाँ आने वाले समय में काफी आएंगी।

हमारा खेल प्रदर्शन कैसा रहा? पहले के मुकाबले कहीं बेहतर रहा। लगभग हर खेल में बेहतर था, पर खासतौर से एथलेटिक्स, तीरंदाज़ी, शूटिंग और जिम्नास्टिक का उल्लेख होना चाहिए। हॉकी में हमारी टीम बेहतरीन खेली। फाइनल का स्कोर वास्तविक कहानी नहीं कहता है। पहली बार भारतीय टीम ने फिटनेस के लेवल को सुधारा है। खेल में खिलाड़ियों के साथ-साथ पीछे काम करने वाले डॉक्टर, फिज़ियो और कोच की भूमिका होती है।  इसमें कापी सुधार हुआ है। कोच ब्रासा कहते हैं कि भारतीय टीम को मनोवैज्ञानिक की ज़रूरत है। मैं उनसे सहमत हूँ। भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मानसिक रूप से हारी।

भारत सरकार ने कॉमनवैल्थ खेलों के लिए खिलाड़ियों की तैयारी पर खर्च करने के लिए 800 करोड़ रुपए दिए थे। इनमें से 500 करोड़ ही खर्च हो पाए। यह भी अकुशलता है। बहरहाल यह सब सीखने की बातें हैं। इतना स्पष्ट है कि खेल की संस्कृति पूरे समाज के मनोबल को बढ़ाने का काम कर सकती है। दूसरे यह कि हमारी अकुशलता खेल में हमारी विफलता के रूप में व्यक्त होती है।


हिन्दुस्तान में प्रकाशित मेरा लेख पढ़ने के लिए कतरन पर क्लिक करें












Medalists in CWG 2010 From Wikipedia

[edit]Gold Medalists

Medal↓Name↓Sport↓Event↓Date↓
1 GoldAbhinav Bindra & Gagan NarangShootingMen's 10m Air Rifle (Pairs)October 5
1 GoldAnisa Sayyed & Rahi SarnobatShootingWomen's 25m Pistol (Pairs)October 5
1 GoldRavinder SinghWrestlingMen's Greco-Roman 60 kgOctober 5
1 GoldAnil KumarWrestlingMen's Greco-Roman 96 kgOctober 5
1 GoldSanjay KumarWrestlingMen's Greco-Roman 74 kgOctober 5
1 GoldYumnam Renubala ChanuWeightliftingWomen's 58kgOctober 6
1 GoldKatulu Ravi KumarWeightliftingMen's 69kgOctober 6
1 GoldAnisa SayyedShootingWomen's 25m Pistol (Single)October 6
1 GoldOmkar SinghShootingMen's 50m Pistol IndividualOctober 6
1 GoldRajender KumarWrestlingMen's Greco-Roman 55 kgOctober 6
1 GoldGagan NarangShootingMen's 10m Air Rifle IndividualOctober 6
1 GoldVijay Kumar & Gurpreet SinghShootingMen's 25m Rapid Fire Pistol (Pairs)October 7
1 GoldOmkar Singh & Gurpreet SinghShootingMen's 10m Air Pistol (Pairs)October 7
1 GoldGeeta Singh PhogatWrestlingWomen's freestyle 55 kgOctober 7
1 GoldAlka TomarWrestlingWomen's freestyle 59 kgOctober 8
1 GoldAnita TomarWrestlingWomen's freestyle 67 kgOctober 8
1 GoldDeepika KumariDola Banerjee & Bombayala Devi LaishramArcheryWomen's recurve teamOctober 8
1 GoldOmkar SinghShootingMen's 10m Air Pistol (Singles)October 8
1 GoldGagan Narang & Imran Hassan KhanShootingMen's 50m Air Rifle 3 Position (Pairs)October 8
1 GoldVijay KumarShootingMen's 25m Rapid Fire pistol IndividualOctober 8
1 GoldVijay Kumar & Harpreet SinghShootingMen's 25m centre fire pistol (Pairs)October 9
1 GoldGagan NarangShootingMen's 50m Rifle 3 Pos IndividualOctober 9
1 GoldNarsingh Pancham YadavWrestlingMen's freestyle 74 kgOctober 9
1 GoldYogeshwar DuttWrestlingMen's freestyle 60 kgOctober 9
1 GoldDeepika KumariArcheryWomen's recurve individualOctober 10
1 GoldHarpreet SinghShootingMen's 25m centre fire pistol IndividualOctober 10
1 GoldRahul BanerjeeArcheryMen's recurve individualOctober 10
1 GoldSushil KumarWrestlingMen's freestyle 66 kgOctober 10
1 GoldSomdev DevvarmanTennisMen's SinglesOctober 10
1 GoldKrishna PooniaAthleticsWomen's Discus ThrowOctober 11
1 GoldHeena Sidhu & Annu Raj SinghShootingWomen's 10m Air Pistol (Pairs)October 12
1 GoldManjeet KaurSini JoseAshwini Akkunji & Mandeep KaurAthleticsWomen's 4×400m (Relay)October 12
1 GoldSubhajit Saha & Achanta Sharath KamalTable TennisMen's doublesOctober 13
1 GoldSuranjoy SinghBoxingMen's Flyweight 52 KgOctober 13
1 GoldManoj KumarBoxingMen's Light Welterweight 64 KgOctober 13
1 GoldParamjeet SamotaBoxingMen's Light Super heavyweight +91 KgOctober 13
1 GoldAshwini Ponnappa & Jwala GuttaBadmintonWomen's DoublesOctober 14
1 GoldSaina NehwalBadmintonWomen's SinglesOctober 14

[edit]Silver Medalists

Medal↓Name↓Sport↓Event↓Date↓
2 SilverNgangbam Soniya ChanuWeightliftingWomen's 48kgOctober 4
2 SilverSukhen DeyWeightliftingMen's 56kgOctober 4
2 SilverOmkar Singh & Deepak SharmaShootingMen's 50m Pistol (Pairs)October 5
2 SilverTejaswini Sawant & Lajjakumari GauswamiShootingWomen's 50m Rifle 3 Positions(Pairs)October 5
2 SilverRahi SarnobatShootingWomen's 25m Pistol (Single)October 6
2 SilverAbhinav BindraShootingMen's 10m Air Rifle (Singles)October 6
2 SilverAsher Noria & Ronjan SodhiShootingMen's Double trap (Pairs)October 6
2 SilverManoj KumarWrestlingMen's Greco-Roman 84 kgOctober 6
2 SilverRitul ChatterjeeJignas Chittibomma & Chinna Raju SritherArcheryMen's compound teamOctober 7
2 SilverRonjan SodhiShootingMen's Double trap IndividualOctober 7
2 SilverNirmala DeviWrestlingWomen's freestyle 48 kgOctober 7
2 SilverAshish KumarGymnasticsMen's VaultOctober 8
2 SilverManavjit Singh Sandhu & Mansher SinghShootingMen's Trap (Pairs)October 8
2 SilverBabita KumariWrestlingWomen's freestyle 51 kgOctober 8
2 SilverMouma DasPoulomi Ghatak & Shamini KumaresanTable TennisWomen's teamOctober 8
2 SilverBadminton Mixed TeamBadmintonMixed teamOctober 8
2 SilverSania MirzaTennisWomen's singlesOctober 9
2 SilverVijay KumarShootingMen's 25m centre fire pistol IndividualOctober 10
2 SilverAnuj KumarWrestlingMen's freestyle 84 kgOctober 10
2 SilverJoginder KumarWrestlingMen's freestyle 120 kgOctober 10
2 SilverVikas Shive GowdaAthleticsMen's Discuss ThrowOctober 10
2 SilverPrajusha MaliakkalAthleticsWomen's Long JumpOctober 10
2 SilverHarwant KaurAthleticsWomen's Discus ThrowOctober 11
2 SilverTejaswini SawantShootingWomen's 50m Rifle Prone (Singles)October 12
2 SilverSamresh Jung & Chandrasekhar ChaudharyShootingMen's 25m Standard Pistol (Pairs)October 12
2 SilverHeena SidhuShootingWomen's 10m Air Pistol (Singles)October 13
2 SilverMen's Hockey TeamHockeyMen's HockeyOctober 14

[edit]Bronze Medalists

Medal↓Name↓Sport↓Event↓Date↓
3 BronzeSandhya Rani DeviWeightliftingWomen's 48kgOctober 4
3 BronzeVS RaoWeightliftingMen's 56kgOctober 4
3 BronzeSunil KumarWrestlingMen's Greco-Roman 66 kgOctober 6
3 BronzeDharmender DalalWrestlingMen's Greco-Roman 120 kgOctober 6
3 BronzePrasanta KarmakarSwimmingMen's 50 m freestyle ParaOctober 6
3 BronzeBheigyabati ChanuJhano Hansdah & Gagandeep KaurArcheryWomen's compound teamOctober 7
3 BronzeAshish KumarGymnasticsMen's FloorOctober 7
3 BronzeSudhir KumarWeightliftingMen's 77kgOctober 7
3 BronzeSuman KunduWrestlingWomen's freestyle 63kgOctober 7
3 BronzeRahul BanerjeeTarundeep Rai & Jayanta TalukdarArcheryMen's recurve teamOctober 8
3 BronzeGurpreet SinghShootingMen's 25m rapid fire pistol IndividualOctober 8
3 BronzeKavita RautAthleticsWomen's 10,000mOctober 8
3 BronzeHarminder SinghAthleticsMen's 20 kilometres walkOctober 9
3 BronzeSuma Shirur & Kavita YadavShootingWomen's 10 m Air Rifle (Pairs)October 9
3 BronzeSharath Kamal AchantaArputharaj Anthony & Abhishek RavichandranTable TennisMen's teamOctober 9
3 BronzeLaishram Monika DeviWeightliftingWomen's 75kgOctober 9
3 BronzeLeander Paes & Mahesh BhupatiTennisTennis Men's DoubleOctober 9
3 BronzeDola BanerjeeArcheryWomen's recurve individualOctober 10
3 BronzeJayanta TalukdarArcheryMen's recurve individualOctober 10
3 BronzeManavjit Singh SandhuShootingMen's Trap IndividualOctober 10
3 BronzeAnil KumarWrestlingMen's freestyle 55 kgOctober 10
3 BronzeSania Mirza & Rushmi ChakravarthiTennisTennis Women's DoublesOctober 10
3 BronzeTejaswini Sawant & Meena KumariShootingWomen's 50 metre rifle prone pairsOctober 11
3 BronzeSeema AntilAthleticsWomen's Discus ThrowOctober 11
3 BronzeAmandeep SinghBoxingMen's Light Flyweight 49 kgOctober 11
3 BronzeJai BhagwanBoxingMen's Lightweight 60 kgOctober 11
3 BronzeDilbagh SinghBoxingMen's Welterweight 69 KgOctober 11
3 BronzeVijender SinghBoxingMen's Welterweight 75 KgOctober 11
3 BronzeSathi GeethaSrabani NandaPriya PK & Jyothi ManjunathAthleticsWomen's 4×100m (Relay)October 12
3 BronzeRahamatulla MollaSuresh SathyaShameer Manzile &Mohd. Abdul Najeeb QureshiAthleticsMen's 4×100m (Relay)October 12
3 BronzeRenjith MaheswaryAthleticsMen's Triple JumpOctober 12
3 BronzeKashinath NaikAthleticsMen's Javelin ThrowOctober 12
3 BronzeSamresh JungShootingMen's 25m Standard Pistol SinglesOctober 13
3 BronzeParupalli KashyapBadmintonMen's SinglesOctober 13
3 BronzeMouma Das and Poulomi GhatakTable TennisWomen's DoublesOctober 14
3 BronzeSharath Kamal AchantaTable TennisMen's SinglesOctober 14