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Sunday, February 14, 2021

अमर्यादित राजनीतिक कबड्डी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में राज्यसभा में एक नए शब्द का ज़िक्र करते हुए कहा, पिछले कुछ समय से देश में एक नई ‘आंदोलनजीवी’ बिरादरी सामने आई है। यह पूरी टोली आंदोलन के बिना जी नहीं सकती और ये लोग आंदोलन से जीने के लिए रास्ते ढूंढते रहते हैं। प्रतिक्रिया में मोदी-विरोधियों ने भी कुछ नए शब्द गढ़े हैं। यह प्रक्रिया अभी चल ही रही है। किसान आंदोलन और दूसरी तरफ पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की उपस्थिति के कारण पिछले कुछ महीनों से देश की राजनीति में तल्खी कुछ ज्यादा ही है।

बजट सत्र का महत्त्व

राजनीतिक कबड्डी इतनी तेज है कि संसद के बजट सत्र पर हमारा ध्यान ही नहीं है। सत्र का पहला चरण कल 15 फरवरी को पूरा होगा। फिर 8 मार्च तक 20 दिन का ब्रेक रहेगा और फिर 8 अप्रैल तक सत्र का महत्वपूर्ण दौर चलेगा, जिसमें गंभीर चर्चा की जरूरत होगी। दोनों चरणों के अंतराल में संसद की स्थायी समितियाँ विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान माँगों पर विचार करेंगी। क्या आपको यकीन है कि इस चर्चा के लिए राजनीतिक दल होमवर्क कर रहे होंगे?

बजट सत्र हमारी संसद का सबसे महत्त्वपूर्ण सत्र होता है और इसीलिए यह सबसे लंबा चलता है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और बजट प्रस्तावों के बहाने महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर जन-प्रतिनिधियों को अपने विचार व्यक्त करने का मौका मिलता है। ऐसे मौके पर जब देश पर महामारी का साया है और अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने की चुनौती है, राजनीति से अपेक्षा की जानी चाहिए कि वह मर्यादा रेखाओं का ध्यान रखे। दुर्भाग्य से मर्यादा-रेखाएं धुँधला रही हैं और संसदीय विमर्श पर शोर हावी हो रहा है।

Monday, February 23, 2015

अब होगी मोदी सरकार की अग्निपरीक्षा

बजट सत्र में मोदी सरकार की अग्निपरीक्षा

  • 56 मिनट पहले
पिछले कुछ महीनों से लगातार सफलता के शिखर पर पैर जमाकर खड़ी नरेंद्र मोदी सरकार के सामने सोमवार से शुरू हो रहा संसद का बजट सत्र बड़ी चुनौती साबित होगा.
संसद से सड़क तक की राजनीति, देश के आर्थिक स्वास्थ्य और प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर अनेक गंभीर सवालों के जवाब सरकार को देने हैं.
पिछले साल जुलाई में पेश किए गए रेल और आम बजट पिछली सरकार के बजटों की निरंतरता से जुड़े थे.
देखना होगा कि वित्त मंत्री का जोर राजकोषीय घाटे को कम करने पर है या वो सरकारी खर्च बढ़ाकर सामाजिक विकास को बढ़ावा देंगे.

पढ़ें, रिपोर्ट विस्तार से

यह मोदी सरकार के हनीमून की समाप्ति का सत्र होगा.
सत्र के ठीक पहले सरकारी दफ्तरों से महत्वपूर्ण दस्तावेजों की चोरी के मामले ने देश की प्रशासनिक-आर्थिक व्यवस्था को लेकर गम्भीर सवाल खड़े किए हैं. इसकी गूँज इस सत्र में सुनाई पड़ेगी.
संसदीय कर्म के लिहाज से भी यह महत्वपूर्ण और लम्बा सत्र है. दो चरणों में यह 8 मई तक चलेगा.
तब तक संसद के बाहर सम्भवतः कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व परिवर्तन और मोदी सरकार के कामकाज का पहले साल का अंतिम सप्ताह शुरू होगा.

नए भारत की कहानी

मध्यवर्ग की दिलचस्पी आयकर छूट को लेकर होती है. क्या बजट में ऐसी नीतिगत घोषणाएं होंगी, जिनसे इस साल आर्थिक संवृद्धि की गति तेज होगी?